जन्नत की आरज़ू में, कहां जा रहे हैं लोग, जन्नत तो करबला में, खरीदी हुसैन ने, दुनिया-ओ-आखरात में, जो रहना हो चैन से, जीना अली से सीखो, मरना हुसैन से | HAPPY MUHARRAM
सजदा से करबला को बंदगी मिल गई, सबर से उम्मत को जिंदगी मिल गई, एक चमन फातिमा का गुज़रा, मगर सारे इस्लाम को जिंदगी मिल गई | HAPPY MUHARRAM